आज हर कोई स्वस्थ रहना चाहता है, स्वस्थ दिखना चाहता है, स्वस्थ महसूस करना चाहता है | फिर चाहे वो कोई गरीब हो या अमीर, छोटा हो या बड़ा |
परन्तु एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ ह्रदय का होना बहोत जरुरी होता है | एक स्वस्थ ह्रदय वो होता है जो बिना किसी रुकावट के अपना कार्य निरन्तर करता है ,जैसे- ब्लड सर्क्युलेशन को सुचारु रखना, ऑक्सजीन को रक्त के माध्यम से सम्पूर्ण शरीर तक पहुचाना, कार्बन डाइ ऑक्साइड को बाहर करना वगैरह | एक स्वस्थ ह्रदय हमारे मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है ,कई तरह की बीमारियों को हमसे दूर रखता है ,या सीधी भाषा में कहे तो एक स्वस्थ ह्रदय स्वस्थ शरीर को परिभाषित करता है |
5-हमारा दिल औसतन 1 मिनट में 72 बार ,1 दिन में 1 लाख बार और एक साल में करीब तीन करोड़ 60 लाख बार धड़कता है | दिल का धड़कना बताता है की वह कितना स्वस्थ है | यह तो आपको पता ही होगा की एक स्वस्थ व्यक्ति का ह्रदय प्रति मिनट 72 बार धड़कता है दिल का धड़कना हमारी उम्र हमारे कार्य हमारी शारीरक गतिविधि पर भी निर्भर करता है जैसे -
1 -माँ के गर्भ में शिशु के दिल की धड़कन 140 बिट्स प्रति मिनट तक होती है |
2 -किसी छोटे बच्चे के दिल की धड़कन 110 बिट्स प्रति मिनट होती है |
3 -हमारी उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे ह्रदय की धड़कन धीमी होती जाती है |
जब हम आराम की स्तिथी में होते है तब हमारे ह्रदय की दर -
1 - स्कूली बच्चो के ह्रदय की दर 70 से 110 बिट्स प्रति मिनट होती है |
२-वयस्कों में यह दर 60 बिट्स प्रति मिनट होती है |
3 व्यायाम या कुछ बीमारियों में या गुस्से में हमारा दिल बहोत ज्यादा धड़कता है ऐसा इसलिए होता है क्योकि इन परिस्तिथियों में हमारे शरीर को ऑक्सीजन की आवश्कता बहोत ज्यादा होती है | तो इस परिस्तिथि में हमारे ह्रदय की दर बढ़ जाती है ,साथ ही खून का तेजी से प्रवाह हमारे शरीर को ठंडा रखने का भी काम करता है |
आप चाहे तो स्वयं से भी जाँच कर सकते है की आपकी पल्स रेट क्या है - इसके लिए आप अपने सीधे हाथ से अपने बाएं हाथ की नब्ज पकडे अब सीधे हाथ के अंगूठे के पास वाली उंगली और बिच वाली उंगली के साथ अंगूठे की मदद से बाएं हाथ की नब्ज पकडे ,आपको बाएं हाथ की कलाई के नीचे टैपिंग महसूस होगी अर्थात रक्त का नसों से बहाव महसूस होगा अब आपको नापना है की 10 सेकण्ड में आपकी नब्ज कितनी बार टैप हुई ,अब जो भी काउंट हुआ है उसमे 6 का गुना करे और आपका पल्स रेट आपके सामने आ जाएगा | यह लगभग 72 होगी परन्तु ध्यान रखे एकदम सटीक परिणाम के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से ही जाँच कराये
ह्रदय कैसे काम करता है -
क्या आप जानते है हमारा ह्रदय कैसे काम करता है !हमारा हार्ट एक पम्प की भाँति कार्य करता है इसके मुखयतः दो भाग होते है एक राइट ,दूसरा लेफ्ट,ये दोनों भाग मसल्स के एक परदे द्वारा एक दूसरे से अलग रहते है | यह पर्दा सेप्टम कहलाता है जिससे अशुद्धऔर शुद्ध रक्त आपस में नहीं मिलते | अब हमारा जो हार्ट होता है वो दो लेफ्ट और दो राइट चेम्बर में बटा होता है ,ऊपर के चेम्बर को एट्रियम अर्थात आलिन्द और निचे के चेंबर को वेंट्रिकल अर्थात निलय कहते है | तो शिराएँ जिनमे अशुद्ध रक्त होता है ( अर्थात कार्बनडाइऑक्सइड मिला ) को दाये एट्रियम में डालती है जब यह दाया एट्रियम ब्लड से भर जाता है तो यह सिकुड़ता है फिर ब्लड एक वॉल्व द्वारा दाये वेंट्रिकल में अर्थात दाए निलय में जाता है | उसके बाद ब्लड हमारे फेफड़ो में चला जाता है जहा हमारे खून में से कार्बनडाइऑक्सइड निकल जाती है,और ऑक्सीजन मिल जाती है ,हम साँस के द्वारा कार्बनडाइऑक्सइड को बाहर निकल देते है |
अब यहाँ से खून बाये एट्रियम अर्थात बाये आलिन्द में आ जाता है फिर उसमे सिकुड़न होती है और खून बाये वेंट्रिकल अर्थात बाये निलय में चला जाता है और वहाँ से धमनियों के माध्यम से पुरे शरीर में चला जाता है,( मतलब जब हम साँस के द्वारा ऑक्सीजिन लेते है तो यह ऑक्सीजिन हमारे फेफड़ो में जमा हो जाती है और जब खून कार्बनडाइऑक्सइड लेकर आता है तो ये फेफड़े खून में से कार्बनडाइऑक्सइड लेकर उसमे ऑक्सीजन देते है और उस कार्बनडाइऑक्सइड को हम साँस के जरिये बहार निकल देते है ) | तो अब आप समझ ही गये होंगे की हम साँस क्यों लेते है और हमारा ह्रदय कैसे काम करता है या हमारा दिल क्यों धड़कता है | इसलिए कहते है की हमें धूम्रपान नहीं करना चाहिए ,ताकि हमारे फेफड़े सही रहे और हमारे ह्रदय को ऑक्सीजन देने और कार्बनडाइऑक्सइड लेने का काम सही से करते रहे |
ये बात तो हो गई की हमारा ह्रदय कैसे काम करता है परन्तु ये जान लेने से हमारा ह्रदय स्वस्थ नहीं रहता और अगर हमारा ह्रदय स्वस्थ नहीं है तो हमें कई तरह की बीमारिया हो सकती है | एक रिसर्च के अनुसार भारत में 1000 लोगो मे से 250 लोगो की मौत हार्ट डीसीस के कारण होती है |
तो हम सबसे पहले ये जानेंगे की हार्ट डिसिस कितने प्रकार की होती है उसके क्या कारण होते है साथ ही इसके लिए क्या उपाय किये जाने चाहिए |
type of heart disease
1 -हार्ट अटैक ,
2 -हार्ट फेलियर,
3 -कोरोनरी धमनी की बीमारी ,
4 -ह्रदय वाल्व रोग ,
5 -दिल में छेद ,
दिल की बीमारी के कारण
1 -मोटापा -दिल की कई बीमारियों का कारण मोटापा ही रहता है |
2-धूम्रपान -धूम्रपान भी ह्रदय रोगो का प्रमुख कारण माना जाता है |
3-एक्ससरसाइस -नियमित तौर पर प्रतिदिन व्यायाम न करना भी हार्ट डिसिस का कारण बनता है |
4-हाई ब्लड प्रेशर -यह बीमारी हार्ट अटैक का मुख्य कारण भी मानी जाती है |
5- शुगर -यह बीमारी तो जग जाहिर है कौन नहीं जानता इसके बारे में |
६-डाइट-एक संतुलित आहार न करने से भी हम अपने ह्रदय को कई सारी बीमारियाँ सौंपते है ह्रदय रोग के लक्षण पता होते ही उनका इलाज करने से हम इन बीमारियों को बढ़ने से रोक सकते है जैसे -
१-ज्यादा थकन एवं कमजोरी ,
२-साँस फूलना ,
३-धड़कन का अनियमित चलना ,
४-चक्कर आना ,
५-छाती में तेज दर्द ,
इन लक्षणों का पता चलते ही आपको तुरंत ही अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए |
इसके साथ ही आप
1- संतुलित आहार ले ,
2 -धूम्रपान बंद करे ,
3 -मानसिक तनाव काम ले ( टेंशन काम ले ) ,
4-अगर आपको शुगर, BP आदि की समस्या है तो इसे नियंत्रित करे।
5 -नियमित व्यायाम करे ,
६-मोटापा कम करे ,
कुछ चेकअप जिन्हे आप अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद करा सकते हो -
१-े ECG -इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ ,
२- ECHO -ईकोकार्डियोग्राफ ,
3 -कार्डिक mri ,
4 -कार्डिक ct स्कैन ,
ह्रदय के बारे में कुछ रोचक जानकारी -
1-हमारे दिल का वजन 240 से 350 ग्राम तक होता है
2-हमारा दिल शरीर से अलग होने पर भी धड़कता है जब तक की उसे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहे |
3-हमारा दिल लगभग 12cm लम्बा 8cm चौड़ा और 6cm मोटा होता है |
4-90% हार्ट अटैक रत ३ से ४ बजे के बिच में ही आते है |
५-हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा केस सोमवार को ही आते है क्योकि रविवार के बाद सोमवार को फिर से काम पर जाने का प्रेशर होता है |
6-हमारा दिल एक मिनट में लगभग 5 लीटर ब्लड पंप करता है |
7-धक् धक् की आवाज दिल में पाई जाने वाली 4 वॉल्व के खुलने और बंद होने से आती है |
8- सबसे छोटा दिल फेयरी फ्लाई का होता है |
9-ब्लूवहेल का दिल है यह लग भग एक छोटी कार के बराबर होता है |
10-केवल ऑक्टोपस के ही तीन दिल होते है |
ह्रदय हमारा है और हमें ही इसका ध्यान भी रखना है| ध्यान रखे अगर आपको शारीरिक या मानसिक किसी भी तरह की कोई भी समस्या जैसे - बीमारी,तनाव या चोट लगती है तो उसका हर्जाना दिल को भुगतना पड़ता है फिर चाहे वो आपका बीड़ी-सिगरेट पीना हो चाहे ज्यादा फैट वाली चीजे खाना,व्यायाम न करना,हमेशा गुस्से में रहना ,ज्यादा तनाव मतलब टेन्सन लेना,समय बे समय खाना ,कभी भी सोना | ये सभी चीजे आपके ह्रदय को बीमार या यूँ कहे की पक्का ख़राब कर सकती है |आप खाने में फलो का उपयोग कर सकते है ,फल आपको कई तरह के पोषण देते है जिससे की आपका ह्रदय हेल्दी रहता है एक रिसर्च में पाया गया है की शाकाहारी लोगो की तुलना में माँसहारी लोगो में हार्ट से सम्बंधित बीमारिया 20 % तक ज्यादा होती है
विसरल फैट - यू तो हमारे शरीर में फैट कई प्रकार का होता है परन्तु यह एक ऐसा फैट होता है जो हमारे फेफड़े किडनी और मुख्यतः हमारे दिल के आसपास होता है |इसका सामान्य मात्रा में होना बहोत जरुरी होता है, यह मात्रा २ से 4 होती है परन्तु अगर ये बढ़ जाये तो हार्ट से सम्बंधित बीमारियों का खतरा बहोत ज्यादा बढ़ जाता है |जब हमारा दिल ब्लड पम्प करता है तब वह फैलता व सिकुड़ता है तो यह बाहरी दीवार उसे सब तरफ से घेरे रहती है और सुरक्षा देती है | परन्तु अगर विसरल फैट की मात्रा बढ़ जाती ही तो ह्रदय को फ़ैलाने व सिकुड़ने में काफी परेशानी होती है जिसके परिणाम स्वरुप आपको हार्ट फेलियर /हार्ट अटैक आदि आने का खतरा बढ़ जाता है |
ज्यादा तनाव या किसी भी चीज की ज्यादा टेन्सन लेने की वजह से पैनिक अटैक का खतरा रहता है, यह शुरुआत में पता नहीं लगता परन्तु अगर आप दिन-प्रति-दिन किसी भी चीज को लेकर तनाव महसूस करते है चाहे वो आपकी पारिवारिक समस्या हो पैसो की परेशानी हो या ऑफिस में काम का तनाव | ये सभी चीजे धीरे-धीरे पैनिक अटैक का कारण बनती है और बाद में हार्ट अटैक का |
**इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले,चिंता कम करे, प्रतिदिन व्यायाम करे,अच्छा खाये ताजा खाये,भरपूर पानी पीए,सभी चीजों के प्रति सकारात्मक नज़रिया रखे,अपने दिल का ख्याल रखे,स्वस्थ रहे खुश रहे |
healthy life happy life
0 Comments